निवेश शुरू करने से पहले किन बातों का जानना सबसे जरुरी है?
निवेश शुरू करने से पहले किन बातों का जानना सबसे जरुरी है जिससे कि आपको बाद में पछताना न पड़े. सामान्यतः निवेशक इन बातों पर ध्यान नहीं देते हैं और बाद में पछताते हैं की सही रिटर्न्स नहीं मिले हैं.
आपके सभी वित्तीय लक्ष्यों (financial goals) को पूरा करने के लिए केवल बचत ही जरूरी नहीं है बल्कि आपको निवेश (investment) भी करना होगा। ज्यादातर लोग अपने पैसे बचाने के लिए निवेश करने का विरोध करते हैं क्योंकि निवेश बाजार (investment are subject to market risks) के जोखिम के अधीन है। हालांकि इसके बावजूद निवेश से आपको अच्छा रिटर्न Returns मिलने की संभावना रहती है। ये बात भी सच हैं कि समझदारी से निवेश करना आसान काम नहीं है। इसके लिए धैर्य (patience), निवेश में भरोसा (trust) और अपनी गलती मानने जैसी आदतें डालनी पड़ती हैं। इस खबर में हम आपको निवेश के वक़्त किन जरूरी बातों का ध्यान रखना ज़रूरी है इस खबर में जानिए।
- क्या आपका निवेश उदेश्य अपनी पूंजी को जमा करना और लंबी अवधि में महंगाई को मात देने वाले रिटर्न रेट के साथ बढ़ने वाला होना चाहिए?
- आपकी जोखिम क्षमता कितनी है?
- आपके शार्ट टर्म (short term) और लॉन्ग टर्म योजनाएं (long term scheme) क्या हैं?
- आपको अपने पोर्टफोलियो (Portfolio) पर कितना समय बिताना होगा?
- इन लक्ष्यों को निर्धारित (set your goal) करने से आप एसेट एलोकेशन तय कर सकते हैं।
साथ ही इसके आप अपने पोर्टफोलियो की खरीद व बिक्री की रणनीति भी बना सकते हैं। लेकिन इस बात का भी ध्यान रखें कि आप अपना लक्ष्य समय के अनुसार बदल भी सकते हैं।
मार्केट में रिसर्च करें
यदि कोई आपसे कह रहा है कि आप निवेश करें और वो आपको गारंटी रिटर्न देगा तो उसकी बातों में आने के बजाए सबसे पहले मार्केट में इसका रिसर्च (market research) करें। निवेश से पहले ऐसे किसी की बातों में न आएं।
अच्छा फाइनेंशियल एडवाइजर financial advisor हायर करें
ऐसा न सोचिए कि आप सब कुछ कर सकते हैं, अपनी मेहनत की कमाई को अच्छे से मैनेज करने और निवेश पर बेहतर रिटर्न पाने के लिए वित्तीय सलाहाकार (financial adviser) की मदद जरूर लें। ये अपनी फील्ड में ट्रेंड होते हैं। साथ इनके पास वर्षों का अनुभव होता है। ये अपने क्षेत्र में फुल टाइम काम करते हैं। और तो यह बाजार पर नजर बनाएं रखे होते हैं। इन्हें किसी भी आम निवेशक की तुलना में निवेश और उसके मैनेजमेंट के बारे में ज्यादा पता होता है।
कई पोर्टफोलियो portfolio का चयन
कभी भी किसी एक जगह निवेश न करें बल्कि अलग-अलग प्रोडक्ट में निवेश की आदत डालें। इससे आपको जोखिम मिलने की संभावना कम रहेगी। अगर आपने विभिन्न प्रकार की संपत्ति जैसे कि म्युचुअल फंड (mutual fund) , इक्विटी स्टॉक (Equity stock), रियल एस्टेट (real estate) आदि में निवेश किया है, तो आप अपेक्षाकृत सुरक्षित हैं, क्योंकि सभी परिसंपत्तियां एक ही तरह से प्रदर्शन नहीं करती हैं, भले ही आप एक में कुछ पैसे खो दें लेकिन दूसरे से आप कुछ हासिल कर सकते हैं। लेकिन portfolio diversify करते समय इतनी जगहों में निवेश न कर लें कि ओवर डाइवर्सिफाइड हो जाये. म्यूच्यूअल फण्ड को ही ले लें 3 या 4 प्लान के स्थान पर 10 या 15 फण्ड न ले लें.
परिस्थितियों से बिलकुल न घबराएं
आमतौर पर निवेशक छोटी अवधि में हो रहे नुकसान (loss) को देखकर घबरा जाते हैं। ऐसी स्थिति में अपने स्वाभव पर नियंत्रण रखना आना चाहिए। कई निवेशक बाहरी संकेत जैसे कि न्यूजपेपर, टीवी चैनल्स पर चलाई गईं खबरों और वर्ड औफ माउथ के आधार पर अपनी निवेश रणनीति बदल लेते हैं। बाजार में हलचल दो कारणों से होती है पहला डर और दूसरा लालच। आपको अपनी निवेश रणनीति पर भरोसा रखना चाहिए और शांत रहना चाहिए। इस चीज को स्वीकार करें कि बाजार की प्रव़ृत्ति अस्थिर होती है। ऐसे में इस अस्थिरता को लाभ उठाना सीखें। इन अस्थिरता के समय में ही म्यूच्यूअल फण्ड की sip सर्वोत्तम रिटर्न्स देती हैं क्योंकि इस समय पर आपको अधिक यूनिट्स मिल रही होती हैं. इसलिए SIP के रास्ते से निवेश करना एक अच्छा विकल्प है.