बजट 2019 में नेशनल पेंशन स्कीम को बढ़ावा देने के लिए कुछ घोषणाएं की गई हैं। नेशनल पेंशन स्कीम यानी एनपीएस से मैच्योरिटी के बाद अब 40 फीसदी के बजाय 60 फीसदी राशि निकाल सकते हैं। पिछले साल दिसंबर में कैबिनेट ने मैच्योरिटी के बाद 60 फीसदी एनपीएस निकासी टैक्स फ्री के प्रस्ताव को मंजूर कर लिया था। जिसका मतलब है कि 60 वर्ष की आयु में कोई व्यक्ति जमा कोष में से 60 फीसदी राशि बिना किसी टैक्स के निकाल सकता है।
मौजूदा वक्त में एनपीएस इनकम टैक्स की विभिन्न धाराओं के तहत टैक्स छूट प्रदान करती है। इनकम टैक्स की धारा 80 सीसीडी (1), 80 सीसीडी (1बी) और 80 सीसीडी (2) के तहत टैक्स छूट मिलती है।
इसके साथ ही केंद्र सरकार के कर्मचारी अपनी तनख्वाह का 14 फीसदी हिस्सा एनपीएस में जमा कर सकेंगे। पहले कर्मचारी सिर्फ 10 फीसदी हिस्सा ही एनपीएस में स्टोर कर सकते थे।
इसके अतिरिक्त केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए टायर-2 एनपीएस को भी इनकम टैक्स की धारा 80 सी में कवर किया जाएगा। जिसमें जीपीएफ, सीपीएफ, ईपीएफ और पीपीएफ को 3 साल के लॉक पीरियड के लिए रखा जाता है।
गौरतलब है कि बजट 2015 में सरकार ने एनपीएस निवेश को बढ़ावा देने के लिए अतिरिक्त टैक्स लाभ की घोषणा की थी। ये टैक्स छूट इनकम टैक्स के विभिन्न नियमों के तहत दी गई थी। एक करदाता सेक्शन 80 सीसीडी 1(बी) के तहत एनपीएस अकाउंट के टीयर 1 में किए गए निवेश पर 50 हजार रुपए तक की अतिरिक्त छूट क्लेम कर सकता है। ये छूट 1.5 लाख रुपए तक की टैक्स सेविंग लिमिट के ऊपर है।
जिसका मतलब है कि एक वित्त वर्ष में करदाता कुल 2 लाख रुपए तक की टैक्स छूट क्लेम कर सकता है। जिसमें 1.5 लाख रुपए की छूट सेक्शन 80 सीसीडी (1) और 50 हजार रुपए की छूट सेक्शन 80 सीसीडी (1बी) के तहत मिलती है।
2 लाख रुपए के ऊपर किसी भी कर्मचारी द्वारा अपनी बेसिक सैलरी का 10 फीसदी और महंगाई भत्ता भी छूट के लिए सेक्शन 80 सीसीडी (2) के तहत क्लेम किया जा सकता है। पिछले साल दिसंबर में सरकार ने वादा किया था कि एनपीएस से निकासी को और ज्यादा टैक्स फ्रेंडली किया जाएगा। सरकार के नए नियम के बाद कोई व्यक्ति जिसकी उम्र 60 साल को बिना किसी टैक्स भुगतान के कोष से 60 फीसदी राशि निकाल सकता है।
सौ-टाइम्स नाऊ न्यूज़