सामाजिक चेतावनी- ये किसी के साथ भी हो सकता है…
18 लाख का पैकेज यानी डेढ़ लाख महीना..दोनों बच्चे DPS में पढ़ते थे..Work from Home की सुविधा थी तो काम के साथ शेयर बाजार में ट्रेडिंग का भी धंधा..पिछले महीने नौकरी गई..और इस महीने इंदौर के एक इंजीनियर का पूरे परिवार की खुदकुशी..जबकि मां को पेंशन मिलती थी..ससुराल वालों की भी आर्थिक स्थिति अच्छी थी…जब से ये खबर पढ़ी है..मन व्यथित है..इसी पर कुछ विचार..
इकोनॉमी की जैसी हालत है..अभी और हज़ारों-लाखों लोगों की नौकरी जाएगी..कल को मेरी नौकरी भी जा सकती है..वैसे भी जैसे-जैसे उम्र और सैलरी बढ़ती जाती है..पुरानी नौकरी जाने की संभावना उतनी ही ज़्यादा और नई नौकरी मिलने की संभावना उतनी ही कम रहती है..तो फिर क्या करें ?
1- बचत…आज भी इसका कोई विकल्प नहीं है..आपकी सैलरी 1,50,000 हो या 50,000 की..एक निश्चित रकम हमेशा बचाएं.. कम से कम 6 महीने का बफर स्टॉक तो रखें…अगर आप डेढ़ लाख महीना कमाने के बावजूद नौकरी जाने के महज एक महीने के भीतर आत्महत्या कर लें..आपका डेबिट और क्रेडिट कार्ड खाली हो तो ये मानिए कहीं ना कहीं गलती आपकी भी रही होगी
2- शौक के हिसाब से नहीं ज़रूरत के हिसाब से रहें..आदत मत पालिए…ब्रांडेड कपड़े पहनना, रेस्तरां में खाना, मॉल और मल्टीप्लेक्स में जाना अच्छा लगता है लेकिन इनके बगैर ज़िंदगी नहीं रुकती..अगर इस मद में कटौती की जाए तब भी कोई फर्क नहीं पड़ेगा
3- मां-बाप आज भी पैसों से ज़्यादा आपको चाहते हैं..क्या हो गया अगर आप बड़े हो गए ? अगर आप अपने माता-पिता को अपनी आर्थिक स्थिति की सही जानकारी देंगे तो आपको आर्थिक और भावनात्मक दोनों तरह की मदद मिलेगी..उनसे मदद मांगकर आप छोटे नहीं हो जाएंगे..आत्मसम्मान बाहर वालों के लिए होता है.. घर वालों से मदद मांगने में नाक छोटी नहीं हो जाएगी..इंदौर वाले केस में भी मां को पेंशन मिलती थी..ससुराल वाले भी मदद कर सकते थे लेकिन मदद मांगी तो होती..बॉस की गाली खा सकते हैं तो अपनों से मदद मांगने में क्या बुराई है ?
4- खानदानी प्रॉपर्टी…आप भले ही मूर्ख हों और बचत नहीं करते हों लेकिन आपके माता-पिता और दादा-दादी ऐसे नहीं थे..उन्होंने अपनी सीमित कमाई के बावजूद बचत कर कुछ प्रॉपर्टी जोड़ी होती है..गांव में कुछ ज़मीन ज़रूर होती है…तो याद रखिए कोई भी प्रॉपर्टी या ज़मीन-जायदाद ज़िंदगी से बड़ी नहीं है..मुसीबत के वक्त उसे बेचने में कोई बुराई नहीं है
5- आपकी कंपनी के गेट पर जो सिक्योरिटी गार्ड तैनात रहता हैं उनमें से ज़्यादातर की सैलरी 15 से 20 हज़ार के बीच रहती है..देश में आज भी ज़्यादातर लोग 30 हज़ार रूपये महीने से कम ही कमाते हैं..कभी सुना है किसी कम सैलरी वाले को आर्थिक वजह से आत्महत्या करते हुवे ? खुदकुशी के रास्ता अमूमन ज़्यादा सैलरी वाले लोग और व्यापारी ही चुनते हैं..पैसा जितना ज्यादा आता है..ज़िंदगी की जंग लड़ने की ताकत उसी अनुपात में कम होती जाती है..पैसा कमाइए लेकिन जीवटता को भी जिंदा रखिए.. इमरजेंसी में काम आएगी
6- इसमें कोई शक नहीं कि बच्चों को प्राइवेट स्कूल में पढ़ाने का फैशन है लेकिन सरकारी स्कूल अभी पूरी तरह खत्म नहीं हुवे हैं..याद रखिए आपमें से कई लोग सरकारी स्कूल में पढ़कर ही यहां तक पहुंचे हैं..अब भी कई लोग हैं जो सरकारी स्कूल में पढ़कर UPSC Crack कर रहे हैं..इसलिए अगर नौकरी ना रहे तो बच्चों को सरकारी स्कूल में पढ़ने को बेइज़्ज़ती मत समझिए..हो सकता है शुरू में बच्चों को अजीब लगे लेकिन बाद में वो भी समझ जाएंगे..
7- Be Reasonable…अगर आपको पिछली नौकरी में 75 हज़ार या एक लाख रुपये सैलरी मिलती थी तो ज़रूरी नहीं कि नई भी इतनी की ही मिले… मार्केट में नौकरी का घोर संकट है..और इस गलतफहमी में मत रहिए कि आप बहुत टैलेंटेड हैं…टैलेंट बहुत हद तक मालिक और बॉस के भरोसे पर रहता है..मालिक या बॉस ने मान लिया कि आप टैलेंटेड हैं तो फिर हैं…एक बार रोड पर आ गए तो टैलेंट धरा का धरा रह जाएगा.. आपसे टैलेंटेड लोग मार्केट में खाली घूम रहे हैं..
आखिरी बात…जहां से शुरू किया था..वहीं खत्म कर रहा हूं..अभी हज़ारों-लाखों लोगों की नौकरी और जाएगी लेकिन खुदकुशी किसी भी हालत में कोई विकल्प नहीं है…
ये मैंने नहीं लिखा है, हाँ विचार मेरे भी यही हैं और मैं अपने जीवन में इन्हीं सिद्धान्तों का पालन करता हूँ…