Best Insurance agent in Lucknow
वैसे तो सभी को हमेशा से निवेश और इन्वेस्टमेंट्स (Investments) की चिंता रहती है क्योंकि इस पर हमारा और परिवार का भविष्य निर्भर करता है, लेकिन कोरोना (Covid-19) के इस सबसे कठिन समय में सही निवेश की परख सभी को हो गई है, क्योंकि सभी निवेश के अलग अलग फायदे और नुकसान होते हैं, जैसे सभी को जमीं और मकान में सबसे ज्यादा RETURNS दिखाई देते थे लेकिन अब उनकी परशानी भी समझ आ गई की किसी भी कठिन समय में उन्हें तुरंत बेचकर उनसे पैसा नहीं निकाला जा सकता है, SHARE MARKET से भी पैसा कमाया जा सकता है, लेकिन जिस प्रकार शेयर बाज़ार कुछ ही दिनों में नीचे गिरा था निवेशकों को वहां से निकलने का मौका ही नहीं मिल पाया था, इस समय में सभी को बैंक की FD का निवेश ही समझ आया क्योंकि यहाँ तरलता भी है और सुरक्षा भी दिखती है. लेकिन क्या आप जानते हैं की BANK FD में निवेश में भी बहुत सारे रिस्क होते हैं??
अगर आपको इनके बारे में जानना है तो इस लेख को ध्यान से पढ़िए और अपनी जरूरतों के अनुसार ही निवेश कीजिये.
बैंक चाहे सरकारी हों या प्राइवेट हों लेकिन वहां मिलने वाला गारंटीड ब्याज दर (Guaranteed Interest Rates) निवेशकों को आकर्षित करता है और Fixed deposit की सबसे बड़ी खासियत यह है की इसपर share market के उतार चढ़ाव का कोई असर नहीं पड़ता हैं. लेकिन फिर भी Fixed deposit पर होने वाले रिस्क की जानकारी सभी के लिए आवश्यक है.
महंगाई दर का खतरा (RISK OF INFLATION)
जैसा की सभी को ज्ञात है की Fixed deposit की ब्याज दर पहले से ही निश्चित होती है इसलिए अगर देश की अर्थव्यवस्थाN(ECONOMY) तीव्र गति से ऊपर जा रही है तो मुद्रास्फीति (INFLATION) की दर भी ऊपर जाती है और आपकी Fixed deposit की ब्याज दर (INTEREST RATES) सामान्यतया मुद्रास्फीति Inflation से कम RETURNS दे पाती है इस लिए यह निवेश जोखिमपूर्ण हो जाता है.
ब्याजदर से जुड़े खतरे (INFLATIONARY RISKS)
बैंक फिक्स्ड deposit (BANK FIXED DEPOSITS) करते समय ही आपको समय निश्चित कर देना पड़ता है और ब्याज दर (INTEREST RATES) भी तय हो जाती है, मान लीजिये कि आपने ५ वर्षों का समय चुन लिया है और ब्याज दर ४ प्रतिशत है लेकिन उसके बाद ब्याज दर बढ़ जाती है तो भी आपको पुरानी वाली ब्याज दर ही मिलेगी. ऐसा नहीं है कि ब्याजदर बढ़ने पर आपका ब्याज बढ़ जायेगा.
पुनर्निवेश आप्शन (RE INVEST OPTIONS)
बाजार में अभी ब्याज दर घटने की प्रवृत्ति है। ऐसे में यदि आप एफडी में रीइन्वेस्टमेंट ऑप्शन (Reinvestment Option) चुनते हैं तो ब्याज से अर्जित रकम अपने आप फिर से रीइंवेस्ट हो जाएगी। लेकिन, यहां आपको यह ध्यान रखना होगा कि यदि बाजार में ब्याज दर और घट गया तो आपका एफडी पुराने रेट पर नहीं होगा, बल्कि यह घटे हुए ब्याज दर पर ही होगा।



DEFAULT का खतरा (RISK OF DEFAULT)
वैसे तो बैंक में DEFAULT का खतरा बहुत कम रहता है लेकिन विषम परिस्थितियों में ऐसा भी हो जाता है जैसे अभी कुछ कोआपरेटिव बैंक, राष्ट्रीयकृत बैंक भी ऐसे स्थिति में आ गए थे तो केंद्र सरकार और भारतीय रिज़र्व बैंक के हस्तक्षेप से स्थिति नियंत्रण में आ सकी थी. डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (Deposit Insurance and Credit Guarantee Corporation) आपके जमा पर सिर्फ 5,00,000 रुपये तक का ही बीमा करता है। यदि इससे ज्यादा की रकम है और बैंक डूब गया तो आप पैसा भी डूब गया।
तरलता रिस्क (LIQUIDITY RISK)
बैंक FD को वैसे तो आसानी से तोड़ा जा सकता है, लेकिन यदि इसको नियत समय से पहले तोडा जाता है तो बैंक सामान्य रूप से कुछ पेनल्टी (PENALTY) लगा देते हैं जो सभी बैंकों की नियमानुसार अलग अलग होती है. अगर आपने TAX SAVING के लिए कोई FD करा रखी है तो उसका मियाद (TERM) सामान्यतः 5 वर्षों का होता है उसके पहले आप उसको निकाल ही नहीं सकते हैं.
For more details contact